BH/Prabhupada 1080 - Summarized in the Bhagavad-gita - One God is Krishna. Krishna is not sectarian God: Difference between revisions

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ይህንንም ዓብዩ ጌታ በብሀገቨድ ጊታ በመጨረሻው ምዕራፍ ላይ በግልፅ ተናግሮታል፡፡ “አሀም ትቫም ሳርቫ ፓፔብህዮ ሞክሻዪስያሚ ማ ሱቻሀ” (ብጊ፡ 18 66) ዓብዩ ጌታ አለገልጋዮቹ ስህተት ሁሉ ሀላፊነት ይወስዳል፡፡ በትሁት ልቦናው ለዓብዩ ጌታ ልቡን ለሰጠ አገልጋይ ሁሉ ዓብዩ ጌታ ልቡን ለማፅዳት ሀላፊነቱን ይወስዳል፡፡ ይህም ከሀጥያት ሁሉ ነፃ ለማድረግ ነው፡፡ “ማላ ኒርሞቻናም ፑምሳም ጃላ ስናናም ዲኔ ዲኔ“ ”ሳክርድ ጊታምርታ ስናናም ሳምሳራ ማላ ናሻናም“ (ጊታ ማሀትምያ 3) አንድ ሰው በቀን በቀን ገላውን በውሀ በመታጠብ እራሱን ንፁህ ለማድረግ ይችላል፡፡ ነገር ግን ብሀገቨድ ጊታን በመሰለ የመንፈሳዊ የጋንጀስ ወንዝ ውሀ የታጠበ ሰው ደግሞ በቁሳዊው ዓለም የተበከለው ዓለማዊው ቆሻሻ አንደበቱ ሁሉ ይወድማል፡፡ ”ጊጋ ሱ ጊታ ካርታቭያ ኪም አንዬህ ሻስትራ ቪስታሬይህ“ ”ያ ስቫያም ፓድማናብሀስያ ሙክሀ ፓድማድ ቪኒህርታ“ (ጊታ ማሃትምያ 4) ምክንያቱም የብሀገቨድ ጊታ መልእክት የተነገረው በዓብዩ የመላእክት ጌታ ነው፡፡ ስለዚህ የሰው ዘር ሁሉ መልእክቱን መረዳት ይገባዋል፡፡ ሰዎች ሌሎችን የቬዲክ ስነፅሁፎች ሁሉ ለማንበብ እድል አይኖራቸው ይሆናል፡፡ ነገር ግን ይህንን የብሀገቨድ ጊታ መልእክት በጥሞና እና በተደጋጋሚ ሊያዳምጡ ይገባል፡፡ ”ጊታ ሱ ጊታ ካርታቭያ“ ይህንንም ለማድረግ የተመቻቸ ነገሮችን መፍጠር ያስፈልጋል፡፡ ”ጊታ ሱ ጊታ ካርታቭያ ኪም አንዬህ ሻስትራ ቪስታሬይህ“ ምክንያቱም በአሁኑ ግዜ ሰዎች በተለያዩ ነገሮች የተጠመዱ ሆነው ይገኛሉ፡፡ በዚህም ምክንያት ሀሳባቸውን በሙሉ ወደ ቬዲክ ስነፅሁፎች ለማዘዋወር ያዳግታቸው ይሆናል፡፡ ስለዚህ ይህ አንድ ስነፅሁፍ በቂ ሊሆን ይችላል፡፡ ምክንያቱም ይህ መፅሀፍ የቬዲክ ስነፅሁፎች ሁሉ ዋነኛው እና የጠራውን መልእክት የያዘ ስለሆነ ነው፡፡ በተለይ በዓብዩ የመላእክት ጌታ እራሱ የተነገረ መልእክት ስለመሆኑ ነው፡፡ ”ብሀራትምርታ ሳርቫስቫም ቪሽኑ ቫክትራድ ቪኒህስርታም“ ”ጊታ ጋንጐዳካም ፒትቫ ፑናር ጃንማ ና ቪድያቴ“ (ጊታ ማሀትምያ፡ 5) እንደተገለፀውም አንድ የጋንጀስን ቅዱስ የወንዝ ውሀ የጠጣ ሰው ከዚህ ቁሳዊ ዓለም ነፃ ሊሆን ይችላል፡፡ ይህም ማለት ብሀገቨድ ጊታን የመሰለ ቅዱስ መፅሀፍን የተከታተለ ሰው ይቅርና ማለት ነው፡፡ ብሀገቨድ ጊታ ከመሀብሀራት መፅሀፍ ምዕራው ውስጥ በመገኘት ጣፋጭ መልእክትን ይዞ የቀረበ ነው፡፡ የተነገረውም በዓብዩ ጌታ በቪሽኑ ነው፡፡ ዓብዩ ጌታ ክርሽና ዋነኛው ቪሽኑ ነው፡፡ ”ቪሽኑ ቫክትራድ ቪኒህስርታም“ መልእክቱ የፈለቀውም ከዓብዩ የመላእክት ጌታ ቅዱስ አፍ ነው፡፡ ”ጋንጎ ዳካም“ የጋንጀስ ወንዝ ደግሞ የመነጨችው የሎተስ እፅዋት ከመሰለው የጌታ እግር ነው፡፡ ብሀገቨድ ጊታ ደግሞ የመነጨው ከዓብዩ ጌታ ቅዱስ አፍ ነው፡፡ በእርግጥ በዓብዩ ጌታ እግር እና አፍ መሀከል ምንም ልዩነት የለም፡፡ ቢሆንም ግን በገለልተኛ ዓይን ስናየው ብሀገቨድ ጊታ ከጋንጀስ ቅዱስ ውሀ በላይ አስፈላጊነት እንዳለው መረዳት እንችላለን፡፡ ”ሳርቮፓኒሳዶ ጋቮ ዶግድሀ ጎፓላ ናንዳና“ ”ፓርትሆ ቫትሳሀ ሱ ድሂር ብሆክታ ዱግድሀም ጊታምርታም ማሀት“ (ጊታ መሀትምያ 6) የጊታ ኡፓኒሳድ እንደ ላም ይመሰላል፡፡ ዓብዩ ጌታም እንደ እረኝነቱ ላሚቱን እንደሚያልባት የታወቀ ነው፡፡ ”ሳርቮ ፓኒሳዶ“ የቬዲክ ኡፓኒሳድ መልእክቶችም እንደ ላም ተመስለዋል፡፡ ዓብዩ ጌታም እንደ እረኝነቱ ይህችን ላሚቷን ሲያልባት ይገኛል፡፡ እንዲሁም “ፓርትሆ ቫትሳሀ” አርጁና እንደ ጥጃ ይቆጠራል፡፡ እንዲሁም “ሱ ድሂር ብሆክታ” የተማሩ መምህራን እና ንፁህ የጌታ አገልጋዮች ደግሞ ይህንን ወተት የሚወስዱ ናቸው፡፡ “ሱድሂር ብሆክታ ዱግድሀም ጊታምርታም ማሀት” ይህ ጣፋጭ የብሀገቨድ ጊታ ወተት የተዘጋቸው ለምሁራን ትሁት የጌታ አገልጋዮች ነው፡፡ “ኤካም ሻስትራም ዴቫኪ ፑትራ ጊታም ኤኮ ዴቮ ዴቫኪ ፑትራ ኤቫ” “ኤኮ ማንትራስ ታስያ ናማኒ ያኒ ካርማፒ ኤካም ታስያ ዴቫስያ ሴቫ” (ጊታ መሀትምያ 7) ስለዚህ መላ ዓለም የዚህን የብሀገቨድ ጊታ መልእክት እንዲማር ያስፈልጋል፡፡ “ኤቫም ሻስትራም ዴቫኪ ፑትራ ጊታም” “በዓለም ላይ አንድ የጋራ የሆነ ቅዱስ መፅሀፍ አለ፡፡” ይህም በምድር ላይ ለሚገኙ ሰዎች በሙሉ የቀረበ ነው፡፡ ይህም ቅዱስ መፅሀፍ ብሀገቨድ ጊታ ነው፡፡ “ዴቮ ዴቫኪ ፑትራ ኤቫ” ለመላው የሰው ልጅ ሕብረተሰብ አንድ ዓብይ ጌታ ብቻ ነው ያለው፡፡ ይህም ሽሪ ክርሽና ነው፡፡ ”ኤኮ ማንትራስ ታስያ ናማኒ“ እንደዚህም ሁሉ ለመላ ዓለም አንድ ማህሌት ወይንም ማንትራ ወይንም ፀሎት አለ፡፡ ይህም ማህሌት የዓብዩ ጌታን ቅዱስ ስም መዘመር ነው፡፡ ሀሬ ክርሽና፣ ሀሬ ክርሽና፣ ክርሽና ክርሽና፣ ሀሬ ሀሬ፣ ሀሬ ራማ ሀሬ ራማ፣ ራማ ራማ ሀሬ ሀሬ፡፡ ”ኤኮ ማንትራስ ታስያ ናማኒ ያኒ ካርማፒ ኤካም ታስያ ዴቫስያ ሴቫ“ እንደዚሁም ሁሉ አንድ ስራ ብቻ መኖር አለበት፡፡ ይህም ስራ ዓብዩ ጌታን ማገልገል ነው፡፡ ሕብረተሰቡ ብሀገቨድ ጊታን የተማረ ከሆነ የህዝቡ ፍላጐት የሚሆነው አንድ ሀይማኖት ብቻ እንዲኖረው ነው፡፡ አንድ አምላክ፣ አንድ ቅዱስ መፅሀፍ፣ አንድ ስራ ወይንም የተመሳሰለ መንፈሳዊ እንቅስቃሴ ማለት ነው፡፡ ይህም በብሀገቨድ ጊታ ውስጥ ተጠቃሎ ተገልጿል፡፡ ይህም አንድ ዓብዩ ጌታ ሽሪ ክርሽና ነው፡፡ ክርሽና የአንድ የተለየ ሕብረተሰብ አምላክ አይደለም፡፡ ቅዱስ ስሙ ክርሽና እንደሚያመለክተን ክርሽና ማለት ቀደም ብለን እንደገለፅነው ክርሽና ማለት ከፍተኛውን ደስታ የሚሰጥ ማለት ነው፡፡
गीता के अंत में भगवान जोर दे के कहले बानीं , अहम् त्वां सर्व पापेभ्यो मोक्षयिस्यामि माँ शुचः ( भ गी १८.६६) . इ जिम्मेवारी भगवान अपना ऊपर लिहले बानी . जे भगवान के शरण ली , ओकर , सब तरह के पाप के प्रभाव से रक्षा करे के जिम्मा, उनका ऊपर . " मल निर्मोचनं पुम्साम जल स्नानं दिने दिने सकृत गीतामृत - स्नानं संसार मल नाशनम . " रोज पानी से स्नान कईला से शरीर के शुद्धि हो जाला , लेकिन अगर गीता जईसन गंगाजल में एक बार स्नान कईला से , ओह आदमी के भौतिक जीवन के गन्दगी पूरा तरह से समाप्त हो जाई . " गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यै: शास्त्र विस्तरै: या स्वयं पद्मनाभस्य मुख-पद्मात विनिःसृता ". गीता स्वयं भगवान के वचन ह , एही से लोग का ... लोग का आउर सब वैदिक शास्त्र पढ़े के जरूरत नईखे . केवल अगर उ आदमी ध्यान से भगवद गीता पढ़े आ सुने , गीता सुगीता कर्तव्या .... हर तरह से इ पद्धति अपनावे के चाहीं . " गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यै: शास्त्र विस्तारै: " . आजकाल का युग में ढेर समस्या बा आ सभे ओकरा से परेशान बा , त वैदिक शास्त्र पढ़े के फुर्सत केकरा बा . बस एक ठो इहे पढ़ लेहला से सब वैदिक साहित्य के सार मिल जाई , आ, इ त भगवान अपने बोलले बानी ओह कारण से विशेष भी बा . " भारतामृत - सर्वस्वं विष्णु वक्त्राद विनिःसृतम गीता गंगोदकम पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते " . कहल बा जे अगर केहू गंगाजल पीये , त ओकरा मुक्ति मिल जाई , तब भगवद गीता के का कहल बा ? भगवद गीता , महाभारत के अमृत ह , आ अपने विष्णु के मुख से निकलल बा . मूल विष्णु भगवान कृष्ण जी हवीं . विष्णु वक्त्राद विनिःसृतम . इ परम भगवान के मुख कमल से निकलल बा . आ गंगा जी के गंगाजल , उ त भगवान् के चरण कमल से निकलल बा , आउर भगवद गीता भगवान के मुख से निकलल बा. इ सही बात बा कि , भगवान के मुख आ पैर में कवनो अंतर नईखे . तबो, केहू कह सकता जे गंगा जी में स्नान कईला से , गीता के पढ़ल बेशी महत्व के चीज बा. " सर्वोपनिषदो गावो दोग्धा गोपाल नंदन: पार्थो वत्स: सुधी भोक्ता दुग्धं गीतामृतं महत . बस ... इ गीतोपनिषद गाय जईसन ह , आ भगवान स्वयम ग्वाला बनके एह के दूह रहल बानीं . सर्वोपनिषदो . इ गाय का रूप में सब उपनिषद के सार ह . भगवान् एकरा के दूह रहल बानीं, उनका से बढ़िया ग्वाला के बा . आ पार्थो वत्सः . अर्जुन गाय के बाछा जईसन ह . आ सुधी भोक्ता . इ दूध विद्वान आ शुद्ध भगत लोग का पीये के बा . सुधी भोक्ता दुग्धं गीतामृतं महत . भगवद गीता के अमृत के सामान दूध विद्वान भगत लोग खातिर बा . " एकं शास्त्रं देवकी पुत्र गीतं , एको देवो देवकी पुत्र एव एको मन्त्रः तस्य नामानि यानि कर्मप्येकम तस्य देवस्य सेवा ". संसार का भगवद गीता से शिक्षा लेबे के चाहीं . एकं शास्त्रं देवकी पुत्र गीतं . पूरा संसार में सबका खातिर , शास्त्र त बस एके गो बा , विश्व में सबका खातिर , आ ओकर नाम ह भगवद गीता . एको देवो देवकी पुत्र एव . आ संसार में देवता त बस एके गो श्री कृष्ण . एको मन्त्रः तस्य नामानि यानि . आ बस एक ही मंत्र बा, एक ही गीत बा , एके प्रार्थना बा , या स्तुति , उनकर नाम कीर्तन , हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे , हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे . एको मन्त्रः तस्य नामानि यानि कर्मप्येकम तस्य देवस्य सेवा . काम भी एक ही बा , भगवान के सेवा कईल . अगर भगवद गीता से शिक्षा लेहल जाव त लोग आकुल हो जाई कि , एक धर्म हो, एक भगवान हो , एक ही शास्त्र हो , आ जीवन में एक ही उद्देश्य हो . गीता में इहे संक्षेप में कहल बा , कि भगवान बस केवल एके बाडन , कृष्ण . कृष्ण कवनो सम्प्रदाय के ना हवन , कृष्ण नाम से ... कृष्ण के मतलब ह , जैसे पहिले कहल गईल बा सर्वोच्च आनंद .
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Latest revision as of 16:08, 29 November 2017



660219-20 - Lecture BG Introduction - New York

गीता के अंत में भगवान जोर दे के कहले बानीं , अहम् त्वां सर्व पापेभ्यो मोक्षयिस्यामि माँ शुचः ( भ गी १८.६६) . इ जिम्मेवारी भगवान अपना ऊपर लिहले बानी . जे भगवान के शरण ली , ओकर , सब तरह के पाप के प्रभाव से रक्षा करे के जिम्मा, उनका ऊपर . " मल निर्मोचनं पुम्साम जल स्नानं दिने दिने सकृत गीतामृत - स्नानं संसार मल नाशनम . " रोज पानी से स्नान कईला से शरीर के शुद्धि हो जाला , लेकिन अगर गीता जईसन गंगाजल में एक बार स्नान कईला से , ओह आदमी के भौतिक जीवन के गन्दगी पूरा तरह से समाप्त हो जाई . " गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यै: शास्त्र विस्तरै: या स्वयं पद्मनाभस्य मुख-पद्मात विनिःसृता ". गीता स्वयं भगवान के वचन ह , एही से लोग का ... लोग का आउर सब वैदिक शास्त्र पढ़े के जरूरत नईखे . केवल अगर उ आदमी ध्यान से भगवद गीता पढ़े आ सुने , गीता सुगीता कर्तव्या .... हर तरह से इ पद्धति अपनावे के चाहीं . " गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यै: शास्त्र विस्तारै: " . आजकाल का युग में ढेर समस्या बा आ सभे ओकरा से परेशान बा , त वैदिक शास्त्र पढ़े के फुर्सत केकरा बा . बस एक ठो इहे पढ़ लेहला से सब वैदिक साहित्य के सार मिल जाई , आ, इ त भगवान अपने बोलले बानी ओह कारण से विशेष भी बा . " भारतामृत - सर्वस्वं विष्णु वक्त्राद विनिःसृतम गीता गंगोदकम पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते " . कहल बा जे अगर केहू गंगाजल पीये , त ओकरा मुक्ति मिल जाई , तब भगवद गीता के का कहल बा ? भगवद गीता , महाभारत के अमृत ह , आ अपने विष्णु के मुख से निकलल बा . मूल विष्णु भगवान कृष्ण जी हवीं . विष्णु वक्त्राद विनिःसृतम . इ परम भगवान के मुख कमल से निकलल बा . आ गंगा जी के गंगाजल , उ त भगवान् के चरण कमल से निकलल बा , आउर भगवद गीता भगवान के मुख से निकलल बा. इ सही बात बा कि , भगवान के मुख आ पैर में कवनो अंतर नईखे . तबो, केहू कह सकता जे गंगा जी में स्नान कईला से , गीता के पढ़ल बेशी महत्व के चीज बा. " सर्वोपनिषदो गावो दोग्धा गोपाल नंदन: पार्थो वत्स: सुधी भोक्ता दुग्धं गीतामृतं महत . बस ... इ गीतोपनिषद गाय जईसन ह , आ भगवान स्वयम ग्वाला बनके एह के दूह रहल बानीं . सर्वोपनिषदो . इ गाय का रूप में सब उपनिषद के सार ह . भगवान् एकरा के दूह रहल बानीं, उनका से बढ़िया ग्वाला के बा . आ पार्थो वत्सः . अर्जुन गाय के बाछा जईसन ह . आ सुधी भोक्ता . इ दूध विद्वान आ शुद्ध भगत लोग का पीये के बा . सुधी भोक्ता दुग्धं गीतामृतं महत . भगवद गीता के अमृत के सामान दूध विद्वान भगत लोग खातिर बा . " एकं शास्त्रं देवकी पुत्र गीतं , एको देवो देवकी पुत्र एव एको मन्त्रः तस्य नामानि यानि कर्मप्येकम तस्य देवस्य सेवा ". संसार का भगवद गीता से शिक्षा लेबे के चाहीं . एकं शास्त्रं देवकी पुत्र गीतं . पूरा संसार में सबका खातिर , शास्त्र त बस एके गो बा , विश्व में सबका खातिर , आ ओकर नाम ह भगवद गीता . एको देवो देवकी पुत्र एव . आ संसार में देवता त बस एके गो श्री कृष्ण . एको मन्त्रः तस्य नामानि यानि . आ बस एक ही मंत्र बा, एक ही गीत बा , एके प्रार्थना बा , या स्तुति , उनकर नाम कीर्तन , हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे , हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे . एको मन्त्रः तस्य नामानि यानि कर्मप्येकम तस्य देवस्य सेवा . काम भी एक ही बा , भगवान के सेवा कईल . अगर भगवद गीता से शिक्षा लेहल जाव त लोग आकुल हो जाई कि , एक धर्म हो, एक भगवान हो , एक ही शास्त्र हो , आ जीवन में एक ही उद्देश्य हो . गीता में इहे संक्षेप में कहल बा , कि भगवान बस केवल एके बाडन , कृष्ण . कृष्ण कवनो सम्प्रदाय के ना हवन , कृष्ण नाम से ... कृष्ण के मतलब ह , जैसे पहिले कहल गईल बा सर्वोच्च आनंद .