HI/661203 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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Latest revision as of 04:29, 23 March 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"श्रीमद् भागवतम् में बारह स्कन्द हैं। दसवें स्कन्द में श्री कृष्ण के प्राकट्य और उनकी लीलाओं का वर्णन है। और उससे पहले के नौ स्कंधों में भगवान् कृष्ण के जीवन और लीलाओं का वर्णन है। अत: ऐसा क्यों? दशमें दशमम् लक्ष्यम् अश्रिताश्रय विग्रहम। श्री कृष्ण को समझने के लिए, हमें इस सृष्टि की रचना को समझना होगा, वह किस प्रकार से चल रही है, उसके कार्य क्या हैं, आध्यात्मिक ज्ञान क्या है, तत्व ज्ञान क्या है, त्याग क्या है, मुक्ति क्या है - इन सभी विषयों का ज्ञान प्राप्त करना पड़ेगा। इनकी संपूर्णता से शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् ही आप कृष्ण को समझ सकोगे।"
661203 - प्रवचन चै.च. मध्य २०.१४६-१५१ - न्यूयार्क