HI/Prabhupada 0010 - कृष्ण की नकल न करो

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Lecture on SB 7.9.9 -- Mayapur, February 16, 1976

कृष्ण ... ये सोलह हजार पत्नियॉ, वे पत्नियॉ कैसे बनीं ?

तुम्हें कहानी पता है, कि कई सुंदर, सोलह हजार सुंदर,

मेरे कहने का मतलब है, राजा की बेटियॉ असुर द्वारा अपहरण कर ली गई ।

उस असुर का नाम क्या है ?

भौमासुर, नहीं ? हां ।

इसलिए उन्होंने कृष्ण से प्रार्थना की "हम पीड़ित हैं, इस बदमाश ने हमारा अपहरण कर लिया है । हमारी रक्षा कीजिए ।"

तो कृष्ण, उन्हें बचाने के लिए आए,

और भौमासुर मारा गया और सभी लड़कियों को मुक्त किया गया ।

लेकिन आजादी के बाद वे अब भी वहाँ खड़ी थीं ।

तो कृष्ण ने उन से पूछा "अब तुम अपने पिता के घर जा सकती हो ।"

उन्होने कहा कि, "हमारा अपहरण कर लिया गया था, और अब हमारी शादी नहीं हो सकती ।"

भारत में अभी भी यह नियम है ।

अगर एक लड़की, युवती, एक दिन या दो दिन के लिए घर से बाहर चली जाती है,

कोई भी उससे शादी नहीं करेगा ।

कोई भी उससे शादी नहीं करेगा ।

वह अशुद्ध मानी जाती है ।

यह अभी भी भारतीय प्रणाली है ।

तो ये इतने दिनों या इतने सालों के लिए अपहरण कर ली गई थी,

इसलिए उन्होने कृष्ण से अपील की, " हम अपने पिता द्वारा स्वीकार नहीं किये जाएँगे,

न तो कोई अौर शादी करने के लिए राजी होगा । "

तब कृष्ण उनकी स्थिति को समझे, "उनकी स्थिति अनिश्चित है ।

हालांकि वे अाज़ाद थे, वे कहीं नहीं जा सकती थी ।"

तब श्री कृष्ण ... वे कितने दयालू हैं, भक्त-वत्सल ।

उन्होंने पुछा, "आप क्या चाहते हो ?"

वो ... उन्होने कहा कि "अाप मुझे स्वीकार करो । अन्यथा हमारे रहने का कोई अन्य साधन नहीं है ।"

कृष्ण तुरंत: "हाँ, ठीक है ।"

यह कृष्ण हैं ।

और उनकी सोलह हज़ार पत्नियॉ एक ही शिविर में केंद्रित नहीं थी ।

उन्होंने तुरंत सोलह हजार महलों का निर्माण किया ।

क्योंकि उन्होने पत्नी के रूप में स्वीकार है, उन्हे पत्नी के रूप में रखा जाना चाहिए,

उनकी रानी के रूप में, न कि "क्योंकि उनके पास कोई अन्य साधन नहीं है, वे मेरी शरण में आ गईं हैं ।

मैं उन्हें किसी भी तरह से रख सकता हूँ ।" नहीं ।

पुरे सम्मान से रानी के रूप में, कृष्ण की रानी के रूप में ।

और फिर उन्होंने सोचा कि "सोलह हजार पत्नियॉ ......

अगर मैं अकेला रहूँ तो, एक आकार मे, तो मेरी पत्नियों मुझे मिल नहीं सकतीं ।

सबको सोलह हज़ार दिन इन्तज़ार करना पडता अपने पती को देखने के लिए । नहीं ।"

उन्होने स्वयम् को सोलह हजार कृष्ण में विस्तार किया ।

यह हैं कृष्ण ।

यह धूर्त, वे कृष्ण पर महिला शिकारी का आरोप लगाते हैं ।

यह तुम्हारी तरह नहीं है । तुम एक भी पत्नी नहीं बनाए रख सकते हो

लेकिन उन्होंने सोलह हजार महलों में सोलह हज़ार पत्नियों को बनाए रखा

और वह भी सोलह हजार रूप के विस्तार में ।

हर कोई खुश था । यह कृष्ण हैं ।

हमे कृष्ण क्या हैं, यह समझना होगा ।

कृष्ण की नकल करने की कोशिश न करो । सबसे पहले कृष्ण को समझने की कोशिश करो ।