HI/Prabhupada 0167 - भगवान द्वारा निर्मित नियम दोषरहित हैं

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Lecture on SB 6.1.8-13 -- New York, July 24, 1971

मनुष्यों द्वारा निर्मित नियमों में यदि मनुष्य मारा जाता हैं तो अपराधी को मृत्यु दंड मिलता हैं। किन्तु पशु के सम्बन्ध में ऐसा नियम क्यों नहीं हैं ? पशु भी जीव हैं। मनुष्य भी जीव हैं। अतः यदि आपके नियम ऐसे हैं की एक मनुष्य यदि दूसरे को मारता हैं तो उसे भी मृत्यु दंड मिलना चाहिए। तो यदि वही मनुष्य एक पशु की हत्या करता हैं तो उसे मृत्यु दंड क्यों नहीं मिलता ? क्या कारण हैं ? यह मनुष्य निर्मित नियमों के दोष हैं। किन्तु भगवान द्वारा निर्मित नियम दोषरहित हैं। भगवान द्वारा निर्मित नियम; यदि आप पशु की हत्या करते हैं तो आप उतने ही दोषी होते हैं जितना आप मनुष्य की हत्या करके होते हैं . यही भगवान द्वारा निर्मित नियम हैं | ऐसा कोई बहाना नहीं चलेगा की, यदि आप मनुष्य की हत्या करते हैं तो आप दोषी हैं किन्तु यदि आप पशु की हत्या करते हैं तो आप दोषी नहीं हैं। यह मनगढ़ंत विचार हैं। यह पूर्ण नियम नहीं हैं। पूर्ण कायदा | अतः ईशु मसीह ने यह आदेश दिया था, "तुम हत्या नहीं करोगे।" यही उत्तम नियम हैं। ऐसा नहीं की आप विचार करेंगे, " मैं मनुष्यों को नहीं मार सकता, मैं पशुओं को मार सकता हूँ।"

विभिन्न पश्चाताप होते हैं। वैदिक नियमों के अनुसार यदि एक गाय की मृत्यु तब होती हैं जब वह बधी हुई हैं, क्योंकि गाय असुरक्षित थी और बधी हुई थी, अतः गाय के पालक को कुछ पश्चाताप करना होगा। क्योंकि गाय की मृत्यु बधे हुए रहने के कारण हुई हैं, इसलिए कुछ पश्चाताप करना होगा। अतः यदि हम जानबूझ के अनेक पशुओं की हत्या करे तो सोचिये हम कितने अधिक उत्तरदायी होंगे? अतः वर्तमान में युद्ध चल रहा हैं। और मनुष्य जाति भी सामूहिक नरसंहार का दंड भुगत रहीं हैं - प्रकृति के नियम । आप पशुओं की हत्या करते रहेंगे और युद्ध रोकने के उपाय करेंगे तो यह संभव नहीं हैं। अतः अनेक दुर्घटनाएँ घटेंगी मृत्यु के लिए। सामूहिक मृत्यु होगी । कृष्ण कहते हैं जब वह दंड देंगे तो सामूहिक दंड देंगे । जब मैं हत्या करता हूँ तो एक के बाद एक मारता हूँ। लेकिन कृष्ण सभी हत्यारों को एक जगह एकत्रित करेंगे और फिर मारेंगे। अतः शास्त्रों में पश्चाताप का वर्णन हैं। अतः जैसे आपके बाइबिल में भी पश्चाताप का उल्लेख हैं, क़बूल करना, कुछ दंड देना । किन्तु यदि पश्चाताप के बाद मनुष्य वही पाप दोबारा क्यों करता हैं? यह समझना होगा।