HI/Prabhupada 0236 - एक ब्राह्मण, एक सन्यासी,भीख माँग सकते हैं, लेकिन एक क्षत्रिय नहीं, एक वैश्य नहीं

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Lecture on BG 2.4-5 -- London, August 5, 1973

इसलिए चैतन्य महाप्रभु ने कहा है कि विशयीर अन्न खाइले मालीन हय मन (चै च अन्तय ६।२७८) ऐसे महान व्यक्तित्व दूशित हो गए क्योंकि उन्होंने उनसे पैसा लिया, अन्न अगर मैं बहुत अधिक भौतिकवादी द्वारा प्रदान किया जाता हूँ, तो वह मुझे प्रभावित करेगा । मैं भी भौतिकवादी हो जाऊँगा । मैं भी भौतिकवादी हो जाऊँगा । तो चैतन्य महाप्रभु ने चेतावनी दी है कि "जो विशयि हैं, जो भक्त नहीं हैं, उनसे कुछ भी स्वीकार मत करो क्योंकि यह तुम्हारे मन को अशुद्ध कर देगा ।" तो इसलिए एक ब्राह्मण और एक वैष्णव, वे सीधे पैसा स्वीकार नहीं करते । वे भिक्षा स्वीकार करते हैं । भिक्षा, भिक्षा तुम कर सकते हो ... जैसे यहाँ कहा जाता है भौक्क्षयम । श्रेयो भोक्तुम भैक्क्षयम अपीह लोके (भ गी २।५) । जब तुम किसी से पूछते हो... फिर भी, भिक्षा भी वर्जित है कभी कभी उस व्यक्ति से जो बहुत अधिक भौतिकवादी है । लेकिन भिक्षा संन्यासियों के लिए अनुमति है, ब्राह्मण के लिए । तो इसलिए अर्जुन बोल रहे हैं कि "बजाय हत्या के, इस तरह के महान गुरु जो इतने महान व्यक्तित्व हैं, महानुभावान....." तो भैक्क्षयम । एक क्षत्रिय के लिए ... एक ब्राह्मण, एक सन्यासी, भीख माँग सकते हैं, भीख माँग सकते हैं, लेकिन एक क्षत्रिय नहीं, एक वैश्य नहीं । इसकी अनुमति नहीं है । जैसे ... वे एक क्षत्रिय थे, अर्जुन । तो वे कहते हैं, " बेहतर मैं एक ब्राह्मण का पेशा अपनाऊँ, और दर दर भीख मागूँ, बजाय इसके की मैं राज्य का आनंद लूँ अपने गुरु की हत्या करके ।" यह उनका प्रस्ताव था । तो कुल मिलाकर, अर्जुन भ्रमित हैं - भ्रमित इस मतलब से कि वे अपने कर्तव्य को भूल रहे हैं । वे क्षत्रिय हैं, उनका कर्तव्य है लडना, विपरीत पार्टी कोई भी हो, उनका बेटा भी हो तो भी, एक क्षत्रिय अपने बेटे को मारने में संकोच नहीं करेगा भले ही वह विरोधी है, इसी तरह, बेटा, अगर पिता प्रतिकूल है, वह अपने पिता को मारने के लिए संकोच नहीं करता है । यही क्षत्रिय का कड़ा कर्तव्य है, कोई विचार नहीं । एक क्षत्रिय उस तरह से विचार नहीं कर सकता है । इसलिए कृष्ण ने कहा, क्लैबवयम: "तुम कायर मत बनो । क्यों तुम कायर बन रहे हो ?" यह विषय चल रहे हैं । बाद में, श्री कृष्ण उसे वास्तविक आध्यात्मिक शिक्षा देंगे । यह है ... साधारण वार्ता दोस्त और दोस्त के बीच में हो रही है ।

कोई बात नहीं । धन्यवाद ।