HI/Prabhupada 0704 - हरे कृष्ण मंत्र जपो और सुनने के लिए इस उपकरण (तुम्हारे कान) का उपयोग करो: Difference between revisions

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प्रभुपाद: हाँ?  
प्रभुपाद: हाँ ?  


विषुजन: प्रभुपाद? भौतिक दुनिया में विभिन्न प्रकार की शक्ति को मापने के लिए उपकरण हैं । कैसे माप सकते हैं, किस तरह का उपकरण, कैसे वह बनाता है, आध्यात्मिक शक्ति को मापने के लिए ?  
विष्णुजन: प्रभुपाद ? भौतिक दुनिया में विभिन्न प्रकार की शक्ति को मापने के लिए उपकरण हैं । कैसे माप सकते हैं, किस तरह का उपकरण, कैसे वह बनता है,   आध्यात्मिक शक्ति को मापने के लिए ?  


प्रभुपाद: प्रकृति ... तुम्हारा सवाल है, जैसे शक्ति और बिजली ?  
प्रभुपाद: भौतिक शक्ति... तुम्हारा सवाल है, जैसे शक्ति और बिजली ?  


विष्णुजन: हम निश्चित उपकरण से माप सकते हैं। लेकिन श्री कृष्ण के आध्यात्मिक शक्ति को मापने का साधन क्या है?  
विष्णुजन: हम निश्चित उपकरण से माप सकते हैं । लेकिन कृष्ण की आध्यात्मिक शक्ति को मापने का साधन क्या है ?  


प्रभुपाद: वह साधन तुम्हारे पास है । यह मृदंग और करताल । केवल बजाअो । यह बहुत ही सरल साधन है । साधन तुम्हाी जीभ है। हरे कृष्ण मंत्र। तुम्हारे पास है, सबके पासल है, खरीद नहीं पडता है । साधन है तुम्हारा कान । केवल सुनो । सभी उपकरण तुम्हारे पास हैं । तुम्हे खरीदने की या किराया पर लेने की जऱूरत नहीं है । तुम्हारी जीभ है और तुम्हारा कान है। हरे कृष्ण मंत्र जपो और सुनने के लिए इस उपकरण का उपयोग करो । बस । सभी पूर्णता है । यह आवश्यकता नहीं है शिक्षित वैज्ञानिक और दार्शनिक, यह या वह होने की -कुछ भी नहीं । केवल तुम हरे कृष्ण का जाप करो और सुनो । सब कुछ है । हर किसी के पास ये उपकरण हैं । तुम्हे किसी भी कर का भुगतान करना नहीं है। तुम विद्युत ऊर्जा का उपयोग करते हो तो तुम्हे भुगतान करना पडता है । लेकिन यहाँ तुम्हे सब कुछ पूरा मिला है। पूर्णम इदम पूर्णम अद: ([[Vanisource:ISO_Invocation|श्री ईषोपनिषद मंगलाचरण]])। भगवान द्वारा बनाई गई हर चीज़ पूर्ण है । तुम इस धरती को देखते नहीं ? इस पृथ्वी के कुल अस्तित्व को लो। यह पूर्ण है। समुद्र और महासागरों में पर्याप्त पानी है। सूरज की रोशनी काम कर रही है, पानी भाप बन रहा है और यह बादल में बदल जाता है । फिर घने बादल अाते हैं और उत्पादन होता है। और नदी बह रही है। तुम अपने पानी की टंकी उच्च रखते हो, और पहाड़ हैं, पानी है अौर पूरे साल नदी बह रही है, पानी है। तुम अच्छा मस्तिष्क देख नहीं सकते हो ? तुम पानी डाल सकते हो ? सौ.... अगर तुम सौ गैलन पानी भाप बनाना चाहते हो तो तुम्हे इतनी सारी मशीनरी व्यवस्था करनी पडेगी । और यहाँ, लाखों टन पानी, समुद्र और महासागर से तुरंत ले लिया जाता है अौर बादल में बदल दिया जाता है ताकि वह गिर सके तुरंत । समझ रहे हो ? एक टैंक की तरह नहीं । और यह पहाड़ के सिर पर आरक्षित है, और यह सारे देश के ऊपर छिड़काव किया जाता है। तुम्हें पानी की आवश्यकता होती है सब्जियों और अनाज का उत्पादन करने के लिए । तो सब कुछ है।
प्रभुपाद: वह साधन तुम्हारे पास है । यह मृदंग और करताल । केवल बजाअो । यह बहुत ही सरल साधन है । साधन तुम्हारी जीभ है । हरे कृष्ण मंत्र । तुम्हारे पास है, सबके पासल है, खरीदना नहीं पडता है । साधन है तुम्हारा कान । केवल सुनो । सभी उपकरण तुम्हारे पास हैं । तुम्हे खरीदने की या किराये पर लेने की जऱूरत नहीं है । तुम्हारी जीभ है और तुम्हारा कान है । हरे कृष्ण मंत्र जपो और सुनने के लिए इस उपकरण का उपयोग करो । बस । सभी पूर्णता है । उसमे आवश्यकता नहीं है शिक्षित वैज्ञानिक और तत्वज्ञानी होनेकी, यह या वह होने की - कुछ भी नहीं । केवल तुम हरे कृष्ण का जप करो और सुनो । सब कुछ है । हर किसी के पास ये उपकरण हैं । तुम्हे किसी भी कर का भुगतान करना नहीं है। तुम विद्युत ऊर्जा का उपयोग करते हो तो तुम्हे भुगतान करना पडता है । लेकिन यहाँ तुम्हे सब कुछ पूरा मिला है। पूर्णम इदम पूर्णम अद: [[Vanisource:ISO_Invocation|श्री इशोपनिषद, मंगलाचरण]]) ।  


पुर्णम अद: पूर्णम इदम ([[Vanisource:ISO_Invocation|श्री ईषोपनिषद मंगलाचरण]])। क्योंकि यह पूर्ण बुद्धिमान मस्तिष्क द्वारा निर्मित है, सब कुछ पूर्ण है। इसी तरह तुम्हारा शरीर आध्यात्मिक साक्षात्कार के लिए पूर्ण है । अन्य बाहरी खोज करने कि ज़रूरत नहीं है । केवल यह योग प्रणाली है उस पूर्णता को समझने के लिए । सब कुछ पूर्ण है। तुम्हारे खाद्य पदार्थों पूर्ण हैं, तुम्हारी व्यवस्था पूर्ण है, तुम्हारा मानव शरीर पूर्ण है । केवल इसका उपयोग करने की कोशिश करो और तुम मुक्त हो जाते हो इन सब से, सभी कष्टों से । (अस्पष्ट) शब्द । वेदांत-सूत्र, केवल ध्वनि से मुक्ति मिल सकती है । इसलिए यह शब्द - शब्द का मतलब है ध्वनि । (अस्पष्ट) समझ रहे हो? तो मशीन तुम्हारे पास है पहले से ही, सब के पास । उपयोग करो । यह सरल विधि । हरे कृष्ण मंत्र का जप करो और सुनो । बस । हाँ ।
भगवान द्वारा बनाई गई हर चीज़ पूर्ण है । तुम इस धरती को देखते नहीं ? इस पृथ्वी के कुल अस्तित्व को लो । यह पूर्ण है । समुद्र और महासागरों में पर्याप्त पानी है । सूर्य की रोशनी काम कर रही है, पानी भाप बन रहा है और यह बादल में बदल जाता है । फिर घने बादल अाते हैं और उत्पादन होता है । और नदी बह रही है । तुम अपने पानी की टंकी उच्च रखते हो, और पहाड़ हैं, पानी है अौर पूरे साल नदी बह रही है, पानी है । तुम अच्छा मस्तिष्क देख नहीं सकते हो ? तुम पानी डाल सकते हो ? सौ... अगर तुम सौ गैलन पानी की भाप बनाना चाहते हो तो तुम्हे इतनी सारी मशीनरी की व्यवस्था करनी पडेगी । और यहाँ, लाखों टन पानी, समुद्र और महासागर से तुरंत ले लिया जाता है, अौर बादल में बदल दिया जाता है ताकि वह गिर सके तुरंत । समझ रहे हो ? एक टैंक की तरह नहीं । और वो पहाड़ के सिर पर आरक्षित है, और यह सारे देश के ऊपर छिड़काव किया जाता है । तुम्हें  पानी की आवश्यकता होती है सब्जियों और अनाज का उत्पादन करने के लिए ।  तो सब कुछ है ।
 
पूर्णम अद: पूर्णम इदम [[Vanisource:ISO_Invocation|श्री इशोपनिषद, मंगलाचरण]]) । क्योंकि यह पूर्ण बुद्धिमान मस्तिष्क द्वारा निर्मित है, सब कुछ पूर्ण है । इसी तरह तुम्हारा शरीर आध्यात्मिक साक्षात्कार के लिए पूर्ण है । अन्य बाहरी खोज करने कि ज़रूरत नहीं है । केवल यह योग प्रणाली है उस पूर्णता को समझने के लिए । सब कुछ पूर्ण है । तुम्हारे खाद्य पदार्थ पूर्ण हैं, तुम्हारी व्यवस्था पूर्ण है, तुम्हारा मानव शरीर पूर्ण है । केवल इसका उपयोग करने की कोशिश करो और तुम मुक्त हो जाते हो इन सब से, सभी कष्टों से । (अस्पष्ट) शब्द । वेदांत-सूत्र, केवल ध्वनि से मुक्ति मिल सकती है । इसलिए यह शब्द - शब्द का मतलब है ध्वनि । (अस्पष्ट) समझ रहे हो ? तो मशीन तुम्हारे पास है पहले से ही, सब के पास । उपयोग करो । यह सरल विधि । हरे कृष्ण मंत्र का जप करो और सुनो । बस । हाँ ।  
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Latest revision as of 08:11, 19 October 2018



Lecture on BG 6.46-47 -- Los Angeles, February 21, 1969

प्रभुपाद: हाँ ?

विष्णुजन: प्रभुपाद ? भौतिक दुनिया में विभिन्न प्रकार की शक्ति को मापने के लिए उपकरण हैं । कैसे माप सकते हैं, किस तरह का उपकरण, कैसे वह बनता है, आध्यात्मिक शक्ति को मापने के लिए ?

प्रभुपाद: भौतिक शक्ति... तुम्हारा सवाल है, जैसे शक्ति और बिजली ?

विष्णुजन: हम निश्चित उपकरण से माप सकते हैं । लेकिन कृष्ण की आध्यात्मिक शक्ति को मापने का साधन क्या है ?

प्रभुपाद: वह साधन तुम्हारे पास है । यह मृदंग और करताल । केवल बजाअो । यह बहुत ही सरल साधन है । साधन तुम्हारी जीभ है । हरे कृष्ण मंत्र । तुम्हारे पास है, सबके पासल है, खरीदना नहीं पडता है । साधन है तुम्हारा कान । केवल सुनो । सभी उपकरण तुम्हारे पास हैं । तुम्हे खरीदने की या किराये पर लेने की जऱूरत नहीं है । तुम्हारी जीभ है और तुम्हारा कान है । हरे कृष्ण मंत्र जपो और सुनने के लिए इस उपकरण का उपयोग करो । बस । सभी पूर्णता है । उसमे आवश्यकता नहीं है शिक्षित वैज्ञानिक और तत्वज्ञानी होनेकी, यह या वह होने की - कुछ भी नहीं । केवल तुम हरे कृष्ण का जप करो और सुनो । सब कुछ है । हर किसी के पास ये उपकरण हैं । तुम्हे किसी भी कर का भुगतान करना नहीं है। तुम विद्युत ऊर्जा का उपयोग करते हो तो तुम्हे भुगतान करना पडता है । लेकिन यहाँ तुम्हे सब कुछ पूरा मिला है। पूर्णम इदम पूर्णम अद: श्री इशोपनिषद, मंगलाचरण) ।

भगवान द्वारा बनाई गई हर चीज़ पूर्ण है । तुम इस धरती को देखते नहीं ? इस पृथ्वी के कुल अस्तित्व को लो । यह पूर्ण है । समुद्र और महासागरों में पर्याप्त पानी है । सूर्य की रोशनी काम कर रही है, पानी भाप बन रहा है और यह बादल में बदल जाता है । फिर घने बादल अाते हैं और उत्पादन होता है । और नदी बह रही है । तुम अपने पानी की टंकी उच्च रखते हो, और पहाड़ हैं, पानी है अौर पूरे साल नदी बह रही है, पानी है । तुम अच्छा मस्तिष्क देख नहीं सकते हो ? तुम पानी डाल सकते हो ? सौ... अगर तुम सौ गैलन पानी की भाप बनाना चाहते हो तो तुम्हे इतनी सारी मशीनरी की व्यवस्था करनी पडेगी । और यहाँ, लाखों टन पानी, समुद्र और महासागर से तुरंत ले लिया जाता है, अौर बादल में बदल दिया जाता है ताकि वह गिर सके तुरंत । समझ रहे हो ? एक टैंक की तरह नहीं । और वो पहाड़ के सिर पर आरक्षित है, और यह सारे देश के ऊपर छिड़काव किया जाता है । तुम्हें पानी की आवश्यकता होती है सब्जियों और अनाज का उत्पादन करने के लिए । तो सब कुछ है ।

पूर्णम अद: पूर्णम इदम श्री इशोपनिषद, मंगलाचरण) । क्योंकि यह पूर्ण बुद्धिमान मस्तिष्क द्वारा निर्मित है, सब कुछ पूर्ण है । इसी तरह तुम्हारा शरीर आध्यात्मिक साक्षात्कार के लिए पूर्ण है । अन्य बाहरी खोज करने कि ज़रूरत नहीं है । केवल यह योग प्रणाली है उस पूर्णता को समझने के लिए । सब कुछ पूर्ण है । तुम्हारे खाद्य पदार्थ पूर्ण हैं, तुम्हारी व्यवस्था पूर्ण है, तुम्हारा मानव शरीर पूर्ण है । केवल इसका उपयोग करने की कोशिश करो और तुम मुक्त हो जाते हो इन सब से, सभी कष्टों से । (अस्पष्ट) शब्द । वेदांत-सूत्र, केवल ध्वनि से मुक्ति मिल सकती है । इसलिए यह शब्द - शब्द का मतलब है ध्वनि । (अस्पष्ट) समझ रहे हो ? तो मशीन तुम्हारे पास है पहले से ही, सब के पास । उपयोग करो । यह सरल विधि । हरे कृष्ण मंत्र का जप करो और सुनो । बस । हाँ ।