HI/Prabhupada 0866 - सब कुछ मर जाएगा - पेड़, पौधे, पशु, सब कुछ: Difference between revisions

 
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हरि-शौरिi: श्रील प्रभुपाद, अगर मनुष्य जीवन देवताअों की तुलना में नगण्य है, लेकिन फिर भी, यह वांछित है, मनुष्य जीवन, देवताअों द्वारा भी ?  
हरि-शौरि: श्रील प्रभुपाद, अगर मनुष्य जीवन देवताअों की तुलना में नगण्य है, लेकिन फिर भी, यह वांछित है, मनुष्य जीवन, देवताअों द्वारा भी ?  


प्रभुपाद: हाँ, क्योंकि मनुष्य जीवन भगवान को साकार करने का बहुत अच्छा मौका है। जैसे पश्चिमी देशों और भारत के बीच अंतर । भारत, भगवान की प्राप्ति का एक बहुत जल्दी मौका। माहौल बहुत अच्छा है। तो यह ग्रह भगवान प्राप्ति के लिए अच्छा है, और सबसे अच्छी जगह भारत में है।
प्रभुपाद: हाँ, क्योंकि मनुष्य जीवन भगवान को साकार करने का बहुत अच्छा मौका है । जैसे पश्चिमी देशों और भारत के बीच अंतर । भारत, भगवद साक्षात्कार का एक बहुत जल्दी मौका । माहौल बहुत अच्छा है । तो यह ग्रह भगवान प्राप्ति के लिए अच्छा है, और सबसे अच्छी जगह भारत में है ।


हरि-शौरि: हमारे मंदिर, उनमें वही माहौल है माना जाता है?  
हरि-शौरि: हमारे मंदिर, उनमें वही माहौल माना जाता है ?  


प्रभुपाद: ओह, हाँ।
प्रभुपाद: ओह, हाँ ।


हरि-शौरि: भारत में पवित्र स्थानों के जितना ही शक्तिशाली होना ?  
हरि-शौरि: भारत में पवित्र स्थानों के जितना ही शक्तिशाली है ?  


प्रभुपाद: ओह, हाँ। तुम कहीं भी इस ग्रह के भीतर उस शक्ति को बना सकते हो ।  
प्रभुपाद: ओह, हाँ । तुम कहीं भी इस ग्रह के भीतर उस शक्ति को बना सकते हो ।  


भक्त: श्रील प्रभुपाद, आप कल कह रहे थे कि बारिश, सभी अच्छी चीजें अाती हैं बारिश से, और बारिश अाती है अच्छे यज्ञ के कारण । तो इस ग्रह सब मांसाहार हैं, या इस देश में सब लोग पापी गतिविधियॉ कर रहे हैं ।  
भक्त: श्रील प्रभुपाद, आप कल कह रहे थे कि बारिश, सभी अच्छी चीजें अाती हैं बारिश से, और बारिश अाती है अच्छे यज्ञ के कारण । तो इस ग्रह में सब मांसाहार हैं, या इस देश में सब लोग पापी गतिविधियॉ कर रहे हैं ।  


प्रभुपाद: इसलिए यह कम हो रहा है। जितना अधिक तुम पापी होते हो, बारिश में कमी होगी।
प्रभुपाद: इसलिए यह कम हो रहा है । जितना अधिक तुम पापी होते हो, बारिश में कमी होगी ।


भक्त: तो यह अब कम हो रही है ।  
भक्त: तो यह अब कम हो रही है ।  


प्रभुपाद: हाँ। और अंत में बारिश नहीं रहेगी । तो फिर यह पूरा ग्रह आग से जलेगा । यही विनाश की शुरुआत है। सब कुछ मर जाएगा -सब पेड़, पौधे, पशु, सब कुछ । यह आग से राख हो जाऍगे । और फिर बारिश होगी, और राख पिघल जाएगी, और पूरा ब्रह्मांड खत्म हो जाएगा।
प्रभुपाद: हाँ । और अंत में बारिश नहीं रहेगी । तो फिर यह पूरा ग्रह आग से जलेगा । यही विनाश की शुरुआत है । सब कुछ मर जाएगा -सब पेड़, पौधे, पशु, सब कुछ । यह आग से राख हो जाऍगे । और फिर बारिश होगी, और राख पिघल जाएगी, और पूरा ब्रह्मांड खत्म हो जाएगा ।


भक्त (२): मैंने भी पढ़ा है, , श्रील प्रभुपाद, कि महाराज युधिष्ठिर के समय में रात में ही बारिश होती थी। क्या यह सच है?  
भक्त (२): मैंने भी पढ़ा है, श्रील प्रभुपाद, की महाराज युधिष्ठिर के समय में, रात में ही बारिश होती थी । क्या यह सच है ?  


प्रभुपाद: रात में ?  
प्रभुपाद: रात में ?  


भक्त (२): बारिश रात में होती ताकि..  
भक्त (२): बारिश रात में होती ताकि...  


प्रभुपाद: नहीं। किसने कहा रात को ?  
प्रभुपाद: नहीं । किसने कहा रात को ?  


श्रुतकीर्ति i: यह कृष्ण पुस्तक में कहा गया है कि शाम को बारिश होती है ।  
श्रुतकीर्ति: यह कृष्ण पुस्तक में कहा गया है कि शाम को बारिश होती है ।  


भक्त (२): ताकि दिन में निवासियों की गतिविधि को परेशानी न हो ।  
भक्त (२): ताकि दिन में निवासियों की गतिविधि को परेशानी न हो ।  


प्रभुपाद: हाँ, यह तरीका है। अगर रात के समय यह बारिश होती है और दिन के समय धूप फिर भूमि का उत्पादन बहुत उपजाऊ हो जाता है। हाँ। बंगाल में एक आम कहावत है, दिने जल रात्रे तारा सेइ जन्मे सुख धारा (?) अगर दिन के दौरान भारी बारिश होती है, और रात में तुम सितारों को देखते हो, तो तुम्हे पता होना चाहिए बारिश की कमी होगी । बारिश और खाद्यान्न में कमी होगी। सबसे अच्छी बात यह है की रात में भारी बारिश, और दिन के समय धूप होनी चाहिए । तब भूकि बहुत उपजाऊ होगी ।   
प्रभुपाद: हाँ, यह तरीका है । अगर रात के समय यह बारिश होती है और दिन के समय धूप, फिर भूमि का उत्पादन बहुत उपजाऊ हो जाता है । हाँ । बंगाल में एक आम कहावत है, दिने जल रात्रे तारा सेइ जन्मे सुख धारा (?) अगर दिन के दौरान भारी बारिश होती है, और रात में तुम सितारों को देखते हो, तो तुम्हे पता होना चाहिए बारिश की कमी होगी । बारिश और खाद्यान्न में कमी होगी । सबसे अच्छी बात यह है की रात में भारी बारिश, और दिन के समय धूप होनी चाहिए । फिर भूमि बहुत उपजाऊ होगी ।   
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Latest revision as of 17:44, 1 October 2020



750520 - Morning Walk - Melbourne

हरि-शौरि: श्रील प्रभुपाद, अगर मनुष्य जीवन देवताअों की तुलना में नगण्य है, लेकिन फिर भी, यह वांछित है, मनुष्य जीवन, देवताअों द्वारा भी ?

प्रभुपाद: हाँ, क्योंकि मनुष्य जीवन भगवान को साकार करने का बहुत अच्छा मौका है । जैसे पश्चिमी देशों और भारत के बीच अंतर । भारत, भगवद साक्षात्कार का एक बहुत जल्दी मौका । माहौल बहुत अच्छा है । तो यह ग्रह भगवान प्राप्ति के लिए अच्छा है, और सबसे अच्छी जगह भारत में है ।

हरि-शौरि: हमारे मंदिर, उनमें वही माहौल माना जाता है ?

प्रभुपाद: ओह, हाँ ।

हरि-शौरि: भारत में पवित्र स्थानों के जितना ही शक्तिशाली है ?

प्रभुपाद: ओह, हाँ । तुम कहीं भी इस ग्रह के भीतर उस शक्ति को बना सकते हो ।

भक्त: श्रील प्रभुपाद, आप कल कह रहे थे कि बारिश, सभी अच्छी चीजें अाती हैं बारिश से, और बारिश अाती है अच्छे यज्ञ के कारण । तो इस ग्रह में सब मांसाहार हैं, या इस देश में सब लोग पापी गतिविधियॉ कर रहे हैं ।

प्रभुपाद: इसलिए यह कम हो रहा है । जितना अधिक तुम पापी होते हो, बारिश में कमी होगी ।

भक्त: तो यह अब कम हो रही है ।

प्रभुपाद: हाँ । और अंत में बारिश नहीं रहेगी । तो फिर यह पूरा ग्रह आग से जलेगा । यही विनाश की शुरुआत है । सब कुछ मर जाएगा -सब पेड़, पौधे, पशु, सब कुछ । यह आग से राख हो जाऍगे । और फिर बारिश होगी, और राख पिघल जाएगी, और पूरा ब्रह्मांड खत्म हो जाएगा ।

भक्त (२): मैंने भी पढ़ा है, श्रील प्रभुपाद, की महाराज युधिष्ठिर के समय में, रात में ही बारिश होती थी । क्या यह सच है ?

प्रभुपाद: रात में ?

भक्त (२): बारिश रात में होती ताकि...

प्रभुपाद: नहीं । किसने कहा रात को  ?

श्रुतकीर्ति: यह कृष्ण पुस्तक में कहा गया है कि शाम को बारिश होती है ।

भक्त (२): ताकि दिन में निवासियों की गतिविधि को परेशानी न हो ।

प्रभुपाद: हाँ, यह तरीका है । अगर रात के समय यह बारिश होती है और दिन के समय धूप, फिर भूमि का उत्पादन बहुत उपजाऊ हो जाता है । हाँ । बंगाल में एक आम कहावत है, दिने जल रात्रे तारा सेइ जन्मे सुख धारा (?) अगर दिन के दौरान भारी बारिश होती है, और रात में तुम सितारों को देखते हो, तो तुम्हे पता होना चाहिए बारिश की कमी होगी । बारिश और खाद्यान्न में कमी होगी । सबसे अच्छी बात यह है की रात में भारी बारिश, और दिन के समय धूप होनी चाहिए । फिर भूमि बहुत उपजाऊ होगी ।