HI/Prabhupada 1007 - जहाँ तक कृष्ण भावनामृत का संबंध है, हम समान रूप से वितरित करते हैं

Revision as of 12:59, 23 June 2015 by Rishab (talk | contribs) (Created page with "<!-- BEGIN CATEGORY LIST --> Category:1080 Hindi Pages with Videos Category:Hindi Pages - 207 Live Videos Category:Prabhupada 1007 - in all Languages Category:HI...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)


Invalid source, must be from amazon or causelessmery.com

750713 - Conversation B - Philadelphia

सैंडी निक्सन: उसी से संबंधित एक और प्रष्ण है। आप महिलाओं के आज़ादी के बारे में क्या सोचते करते हैं? (हंसते हुए)

जयतिृथ: वह महिलाओं की मुक्ति के बारे में जानना चाहती है। महिलाओं की मुक्ति के बारे में हमारी भावना क्या है?

प्रभुपाद: वो मैं चर्चा नहीं करना चाहता क्योंकि... (हंसी) वे... जैसा की आपने पूछा है, मैं यह बात समझा जा सकता हूँ कि, कैसे मूर्ख महिलाओं को चालाक पुरुषों द्वारा धोखा दिया जा रहा है। आप समझ सकते हैं?

महिला भक्त: श्रील प्रभुपाद उन सब लोगों को मुक्ति दे रहें हैं जो हरे कृष्ण मंत्र का जप कर रहे हैं।

प्रभुपाद: आपके देश में, उन्होंनें आपको आजादी दी है। आजादी का मतलब है समान अधिकार, है के नहीं ? पुरुष और स्त्री को समान अधिकार मिल गए हैं।

सैंडी निक्सन: वे इस देश में प्रयास कर रहे हैं।

प्रभुपाद: ठीक है, प्रयास कर रहे हैं। लेकिन आप महिलाएँ, आप नहीं देख सकती हैं, यह तथाकथित समान अधिकार औरत को धोखा देने के लिए है। अब मैं और अधिक स्पष्ट रूप से बताता हूँ कि एक स्त्री और पुरुष मिलते हैं। अब वे प्रेमी बन जाते हैं। तब वे यौन संबंध करतें हैं, और महिला गर्भवती हो जाती है, और वह आदमी भाग जाता है। वह नादान औरत, उसको बच्चे की जिम्मेदारी लेनी पड़ती है, और सरकार से भीख माँगना पड़ता है, "मुझे दया करके पैसे दे दीजिए।" यह आपकी स्वतंत्रता है। क्या आप इस स्वतंत्रता को मानती है? वह, आदमी औरत को गर्भवती बनाता है और वह किसी भी जिम्मेदारी के बिना दूर हो जाता है, और औरत बच्चे को छोड़ नहीं सकती है; वह पालती है, सरकार से भीख माँगती है या वह बच्चे को मारने की कोशिश करती है? क्या आपको लगता है कि यह बहुत अच्छी स्वतंत्रता है ? आपका जवाब क्या है?

ऐनी जैक्सन: एक बच्चे को मारना ठीक है या नहीं? यह सवाल है?

प्रभुपाद: हाँ, वे अब मार रहे हैं, गर्भपात।

रवीन्द्र-स्वरूप: वे उस तरह की आजादी के बारे में जानना चाहते हैं।

ऐनी जैक्सन: बच्चे के लिए?

रवीन्द्र-स्वरूप: औरत के लिए।

प्रभुपाद: औरत के लिए।

रवीन्द्र-स्वरूप: यह मुक्ति है। उसका एक आदमी के साथ चक्कर है, और वह गर्भवती हो जाती है। आदमी छोड़ देता है। तो फिर उसे बच्चे को पालने के लिए सरकार से भीख माँगनी पड़ती है...

प्रभुपाद: या मारना पडता है।

रवीन्द्र-स्वरूप: या वह बच्चे को मार देती है। तो यह अच्छा या बुरा है?

ऐनी जैक्सन: खैर, उसने स्वयं इसका चुनाव किया है ...

प्रभुपाद: इसका मतलब है कि बुद्धि का वजन कम है। अपने खुद के बच्चे को मारने का चुनाव किया है। क्या यह बहुत अच्छा विकल्प है?

सैंडी निक्सन: यह सबसे घोर अपराध है ।

जयतिृथ: उसके मस्तिष्क का वजन बढ़ रहा है। (हंसी)

प्रभुपाद: क्या यह आपको बहुत अच्छा काम लगता है? हाँ ?

ऐनी जैक्सन: मेरे ख्याल से यह एक बहुत ही जटिल प्रश्न है।

प्रभुपाद: इसलिए मुझे लगता है कि वे स्वतंत्रता के नाम पर आप को धोखा दे रहे हैं। यह आपको समझ में नहीं आता है। इसलिए चौंतीस औंस। वे आपको धोखा दे रहे हैं, और आप सोच रहे हैं कि आप स्वतंत्र हैं।

सैंडी निक्सन: वे भूल जाते हैं कि स्वतंत्रता के साथ आती है जिम्मेदारी ।

प्रभुपाद: हाँ, वे जिम्मेदारी नहीं लेते। वे चले जाते है। वे आनंद लेते है और चले जाते है। और औरत को जिम्मेदारी लेनी पड़ती है, या तो बच्चे को मार दो या पालो, भीख माँगो। क्या तुम्हें लगता है भीख माँगना बहुत अच्छा है? भारत में, हालांकि वे गरीबी से त्रस्त हैं, लेकिन अभी भी, वे स्वतंत्र नहीं रहते हैं। वे पति के अधीन रहती हैं, और पति पूरी जिम्मेदारी लेता है। तो उसे ना तो बच्चे को मारने की जरूरत है ना बच्चे के पालन के लिए भीख माँगने की जरूरत है। अब बताइए स्वतंत्रता किसमें है ? पति के संरक्षण में रहने में स्वतंत्रता है या बिना किसी बंदिश के सबके हाथों शोषित होने में है ?

सैंडी निक्सन : वहाँ पर तो वैसे भी कोई आजादी नहीं हैं। वहाँ पर आजादी की उम्मीद नहीं की जा सकती।

प्रभुपाद : इसका मतलब आजादी कहीं नहीं है, फिर भी वे सोचती हैं कि उन्हें आज़ादी मिल गई है। इसका अर्थ है कि किसी न किसी तरह मर्द स्त्री का शोषण कर रहे हैं बस । तो आजादी के नाम पर उन्होंने मर्दों के अन्य वर्ग द्वारा शोषित होना स्वीकार कर लिया है। यही परिस्थिति है।

सैंडी निक्सन : इसके बावजूद क्या स्त्रियाँ कृष्ण को जान सकती हैं?

प्रभुपाद : वैसा कोई भेदभाव नहीं है।

सैंडी निक्सन : कोई भेदभाव नहीं है ...

प्रभुपाद : हम कृष्ण चेतना की शिक्षा, स्त्री तथा पुरुष को समान रूप से प्रदान करते हैं। हम कोइ ऐसा भेदभाव नहीं करते। लेकिन पुरुषों द्वारा शोषण से बचाने के लिए, हम शिक्षण प्रदान करते हैं के " आप ऐसे कर लो, आप वैसे कर लो । " आप विवाहित हो जाओ और स्थिर हो जाओ । अनियंत्रित होकर भटक मत जाइए ।" इस प्रकार शिक्षा देते हैं। परंतु जहाँ तक कृष्ण चेतना का प्रष्ण है, हम बिना भेदभाव के इसका प्रचार करते हैं। ऐसा कुछ नहीं है कि," ओह, आप महिला हैं तो आप में बुद्धि का अभाव है या अधिशेष है और आप नहीं आ सकते। हम ऐसा नहीं कहते। हम सभी को आमंत्रित करते हैं स्त्री, पुरुष, गरीब, धनी सब को, क्योंकि एक समानता का एक स्तर है।

विद्याविनयसम्पन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनि शुनी चैव श्वपाके च पण्डिता: समदर्शिन:

((गीता ५.१८))

हम किसीको वंचित नहीं करते। यही समानता का सही परिप्रेक्ष्य है।