HI/Prabhupada 1009 - अगर तुम गुरु को भगवान की तरह सम्मान देते हो, तो उन्हे भगवानकी तरह सुविधा भी देनी चाहिए

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750713 - Conversation B - Philadelphia

ऐनी जैक्सन: अापने कहा की अाप बहुत छोटे हैं और आप भगवान नहीं हैं, लेकिन फिर भी एक बाहरी व्यक्ति होते हुए मुझे यह लगता है की भक्त अापको भगवान की तरह मानते हैं ।

प्रभुपाद: हाँ, यह भक्त का कर्तव्य है । जैसे एक सरकारी अधिकारी । निजी तौर पर वह बहुत महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन जब तक वह सरकार का आदेश निष्पादित करता है, उसका सरकार की तरह ही सम्मान किया जाना चाहिए । यही नियम है । अगर एक साधारण पुलिसकर्मी आता है, तो भी तुम्हे उसे सम्मान देना होगा क्योंकि वह सरकारी आदमी है । लेकिन इसका यह मतलब यह नहीं है कि वह सरकार है । उसको सम्मान दिया जाता है । साक्षाद हरित्वेन समस्त शास्त्रैर उक्तस तथा भाव्यत एव सदभि: | अगर वह आदमी सोचता है कि "मैं सरकार बन गया हूं । लोग मेरा सम्मान कर रहे हैं," तो वह मूर्ख है । तो... लेकिन यह शिष्टाचार है । अगर सरकारी आदमी आता है, उसका सरकार जैसा सम्मान करना चाहिए ।

ऐनी जैक्सन: उसी विचार को अागे बढाते हुए, मैं यह भी सोचती हूं कि इतनी सारी सुन्दर भौतिक चीज़ें, जो भक्त अापके लिए लाते हैं, अौर, उदाहरण के लिए, जब आप हवाई अड्डे से निकले, आप एक सुंदर, बड़ी, शानदार गाड़ी में निकले, अौर मैं सोच रही थी क्योंकि...

प्रभुपाद: यह उन्हे सिखाने के लिए की कैसे सम्मान करना चाहिए । अगर तुम सरकार के रूप में सरकारी आदमी का सम्मान करते हो, तो तुम्हे उसके साथ वैसे ही व्यवहार करना चाहिए ।

ऐनी जैक्सन: लेकिन ...

प्रभुपाद: यदि तुम भगवान के रूप में आध्यात्मिक गुरु का सम्मान करते हो, तो तुम्हे उन्हे भगवान के जैसी सुविधायें देनी चाहिए । अन्यथा कैसे तुम उसे भगवान की तरह मान सकते हो ? फ़क्त मन में ? कार्य में भी ।

ऐनी जैक्सन: मैं माफी चाहती हूँ । आप ने अाखिर में क्या कहा ?

प्रभुपाद: अगर आध्यात्मिक गुरु के साथ भगवान जैसा व्यवहार किया जाता है, तो उसे दिखाना भी होगा, व्यावहारिक रूप से, की वह भगवान के रूप में उन्हे मानता है । तो भगवान सुनहरे रथ में यात्रा करते हैं । तो अगर आध्यात्मिक गुरु को साधारण मोटर गाड़ी में यात्रा करनी पडे, फिर भी यह पर्याप्त नहीं है, क्योंकि उन्हे भगवान की तरह ही सम्मान देना होगा । भगवान के लिए यह मोटर गाड़ी क्या है ? (हंसी) यह फिर भी कम है । अगर भगवान तुम्हारे घर अाते हैं, तो तुम उन्हे साधारण मोटर गाड़ी में लाअोगे या तुम सुनहरे रथ की व्यवस्था करोगे, अगर तुम भगवान के रूप में उनका सम्मान करते हो ? तो तुम्हारा कहना की वे मुझे अच्छी मोटर गाडी दे रहे हैं, लेकिन मैं कहता हूं की यह पर्याप्त नहीं है । वो अभी भी पर्याप्त नहीं है अगर तुम उन्हे भगवान जैसा मानते हो तो । व्यावहारिक बनो ।

ऐनी जैक्सन: कल मैं एक भक्त से मिली जो न्यूयॉर्क से है जिसने कहा की, कि कई लोग उपस्थित थे समारोह में जो अन्य ग्रहो से हैं, और आप उन्हें देख सकते हैं । क्या यह सच है ?

प्रभुपाद: हाँ, हाँ । हर कोई देख सकता है । अगर तुम्हारी आँखें है, तो तुम भी देख सकती हो । लेकिन अगर आँखें न हो, इसलिए आप इर्षा करते हो कि उन्होंने मुझे एक अच्छी मोटर गाड़ी दी है । तो तुम्हे अपनी आँखें को तैयार करना होगा । एक अंधा आदमी नहीं देख सकता । आंखों को तैयार करना होगा कि देखना कैसे है । ऐनी जैक्सन: क्या यह अापकी अन्य इंद्रियों के लिए भी सच है ? प्रभुपाद: हर इन्द्रिय के लिए । अगर तुम कुछ देखना चाहते हो, तो तुम्हे प्रशिक्षित होना पडेगा कि कैसे देखना है । जैसे कि एक वैज्ञानिक माइक्रोस्कोप के माध्यम से कुछ देखता है । और तुम इन आंखों से देखना चाहते हो । एसे देखना कैसे संभव है ? तुम्हे देखने के लिए पद्धति को अपनाना होगा । तब तुम सब कुछ देख सकते हो ।