HI/Prabhupada 0973 - अगर वह सिद्धांतों का पालन करता है, तो वह निश्चित रूप से भगवद धाम वापस जाता है

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730400 - Lecture BG 02.13 - New York

प्रभुपाद: तो बुद्धिमान कौन है ? अगर तुम पूछते हो कि वापस ग्रह जाने का, घर वापस जाने का, भगवद धाम जाने का, क्या लाभ है ? यह आश्वासन दिया है भगवद गीता में: माम उपेत्य तु कौन्तेय दुःखालयम अशाश्वतम नाप्नुवन्ति (भ.गी. ८.१५) । अगर तुम मेरे पास आते हो, तो तुम्हे फिर से इस भौतिक शरीर को स्वीकार करना नहीं होगा, जो दुःख भरी हालतों से भरा है । तुम अपने आध्यात्मिक शरीर में रहोगे । " इसलिए हमारा कृष्ण भावनामृत आंदोलन का उद्देश्य है, मेरे कहने का मतलब है, मदद करना, जीव को उन्नत करने में... बेशक, यह सभी के लिए नहीं है । यह बहुत मुश्किल हे ।

लेकिन जिसने भी कृष्ण भावनामृत आंदोलन को स्वीकार किया है, अगर वह सिद्धांतों का अनुसरण करता है, तो वह निश्चित रूप से वापस घर जा रहा है, भग्वद धाम । यह निश्चित है । लेकिन अगर तुम भटक जाते हो, अगर तुम माया से आकर्षित हो जाते हो, तो यह तुम्हारा नसीब है । लेकिन हम आपको जानकारी दे रहे हैं: यह प्रक्रिया है, एक साधारण प्रक्रिया । हरे कृष्ण महा-मंत्र का जप करो, शुद्ध हो जाअो..., हमेशा भौतिक चंगुल से मुक्त रहो, और त्यक्त्वा देहम । माम उपेत्य । जन्म कर्म मे दिव्यम यो जानाति... अगर तुम केवल कृष्ण को समझने की कोशिश करते हो, फिर त्यक्त्वा देहम, इस शरीर को छोड़ने के बाद, माम एति, "तुम मेरे पास आअोगे ।" तो यह हमारा तत्वज्ञान है । यह बहुत सरल है । और सब कुछ भगवद गीता में समझाया गया है । तुम बोध करने का प्रयास करो अौर पूरी दुनिया के लाभ के लिए इस पंथ का प्रचार करो । तो हर कोई सुखी हो जाएगा । बहुत बहुत धन्यवाद । भक्त: जय, श्रील प्रभुपाद की जय !