HI/Prabhupada 0156 - मैं आपको वो सिखाने की कोशिश कर रहा हूँ, जिसे आप भूल चुके हैं

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Arrival Address -- London, September 11, 1969

रिपोर्टर: साहब जी, आप क्या सीखाने का कोशिश कर रहे हो?

प्रभुपाद: मैं तुम्हे वो सीखाने का कोशिश कर रहा हूँ, जिसें तुम भूल चुके हो |

भक्त: हरीबोल! हरे कृष्ण! (हसी)

रिपोर्टर: वो क्या है?

प्रभुपाद: वो भगवान है | तुम मे से कई लोग कहते है की कोई भगवान नहीं है, और तुम मे से कोई कहता है की भगवान मर चुके है, और तुम मे से कोई कहता ही भगवान निराकार या शून्य है यह सब बकवास है | मैं इन सब बकवास लोगो को सिखाना चाहता हूँ की भगवान है | यह मेरा मिशन है | मेरे पास कोई भी बकवास व्यक्ति आ सकता है, में साबित करूँगा की भगवान है | यही मेरा कृष्ण भावनामृत आंदोलन है | यह नास्तिक लोगों को एक चुनोती है | भगवान है | जैसे हम यहाँ आमने सामने बैठे हुए है, ऐसे ही हम भगवान को सामने सामने देख सकते है | अगर तुम ईमानदार और गंभीर हो तो यह संभव है | दुर्भाग्य है की हम भगवान को भूलने की कोशिश कर रहे है | इसीलिए हम जीवन के इतने दुखों को गले लगाते है | तो मे बस यह प्रचार कर रहा हूँ की तुम कृष्ण भावनामृत आंदोलन मे आ जाओ और खुश बन जाओ | माया या मोह के इन लहरों से बाहिए मत | यही मेरा अनुरोध है |

भक्त: हरी बोल!